जगप्रसाद का बेटा राजेंद्र प्रदेश कमाने गया हुआ था। उसकी नई नवेली पत्नी घर पर ही रह रही थी। एक रात की बात है, जगप्रसाद अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बना रहा था। उसी समय जब प्रसाद की बहू संध्या अपने रूम से निकलकर टॉयलेट रूम में जा रही थी, वो टॉयलेट करने के लिए जा रही थी तो ससुर जी के रूम से कुछ आवाजें आ रही थी। उस आवाज को सुनने के लिए वह उस रूम के पास गई और खिड़की से देखने लगी की क्या तबियत तो नहीं खराब है तो देकी की उसकी जो सासु थी और उसका जो ससुर था, दोनों एक दूसरे के साथ प्रेम प्रसंग में लिप्त थे। थोड़ी देर तक संध्या अपने सास और ससुर को संबंध बनाते हुए देखती रही। उसके बाद में वो टॉयलेट करने के लिए टॉयलेट रूम में गयी और फिर वापस आकर देखी तो सास और ससुर दोनों 61/62 कर रहे थे। उन्हें बात थोड़ी देर तक रुककर और देखने लगी तो उसके मन के अंदर भी वासना जागने लगी। वो अपने पति को याद करने लगी।
आधी रात को ससुर बहु से बना रहा था संबंध। Illegal Relationship with Daughter In Law - सच्ची घटना
और फिर अपने रूम में जाकर अपने पति को फ़ोन लगायी और उनसे प्यार भरी बातें करने लगी। अब संध्या अपने सास ससुर के मिलाप को हर रोज़ छुप छुप कर देखती रहती थी और उसके मन के अंदर भी ससुर के प्रति प्रेम जागने लगा और वह सोचने लगी काश मेरे ससुरजी भी मुझे ऐसा ही प्यार करते हैं तो अब कितना अच्छा होता और उसकी नीयत ससुर के ऊपर खराब हो गयी। फिर संध्या अपने मन में सोचने लगी। 1 दिन वह सोचने लगी कि हर दिन मेरे ससुर जी मेरे सास से मिलते रहते है। तो क्यों ना मैं अपने सास को अपने रूम में ही बुलाकर उन्हें कहूं की मुझे डर लगता है मेरे ही रूम में सो जाओ। मेरे पति जब से प्रदेश गए हैं, मैं अकेली सोती हूँ, मुझे डर लगता है वह ऐसा प्लैन बनाकर और फिर अपने सास से 1 दिन बोली कहने लगी सासु माँ मेरे पति जब से प्रदेश गए हैं तब से मैं अकेली सोती हूँ, रात में मुझे डर लगता है, आप मेरे ही रूम में सो जाया करो तो संध्या की सासु कहने लगी ठीक है, मैं तुम्हारे ही रूम में सोऊंगी उसके बाद में फिर वह सोचने लगी कि मेरे पति तो मुझसे हर दिन मिलते हैं। फिर कैसे मिल पाएंगे? चलो ठीक है, जब मेरी बहू सो जाएगी तो मैं टॉयलेट करने के बहाने जाउंगी और उनसे मिलके चली जाऊंगी ऐसा सोचकर के संध्या की सासु वो संध्या के ही रूम में सो गयी और जब रात के 1:00 बजे तो जो उसका पति जगप्रसाद था वो अपने पत्नी से मिलने के लिए व्याकुल हो रहा था। उसके बुढ़ापे की जवानी उफान मार रही थी।
जिस रात संध्या की सासु संध्या के रूम में सोने के लिए गयी तो संध्या अपने ससुर उसे कहने लगी सासु माँ आप मेरे बेड पर सो जाओ और मैं आपके चारपाई पर सो जाती हूँ क्योंकि मैं बहुत दिन हो गया है, चारपाई पर नहीं सोयी हूँ, मेरा शरीर सीधा तना तना रहता है तो आप मेरे बेड पर लेट जाओ और मैं आपके चारपाई पर लेट जाती हूँ।
उसी रूम में वह चारपाई पर लेट गयी और अपने सासु माँ को अपने बेड पर लिटा दीं और दरवाजे को बंद कर दी। मगर कुंडी नहीं लगाई कि अगर कोई धक्का देगा तो दरवाजा खुल जाएगा। उधर जgप्रसाद का बढ़ता बुढ़ापा और चढ़ता जोस उफान मार रहा था। वो अपने पत्नी से मिलने के लिए बहु के रूम के पास गया तो देखा कि दरवाजा बंद है। दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। उसके बाद में वो उस रूम में गया तो रूम में अंधेरा था। वो सोचने लगा कि मेरी पत्नी चारपाई पर ही सोई होगी।
और जो मेरी बहु है वहाँ बेड पर लेटी होगी। उसी चारपाई पर वह चुपके से बगल से लेट गया। वह वासना में इतना अंधा हो चुका था कि अपने बहु और अपने पत्नी में अंतर नहीं कर पाया और वो उसके साथ संबंध बनाने का प्रयास करने लगा। उधर उसकी बहु तो यही चाहती थी जैसा जैसा जगप्रसाद करता गया, वैसा वैसा वह होती गई उसका साथ देती गई और दोनों एक दूसरे के साथ अवैध संबंध बनाने लगे। संबंध बनाने के बाद में जब प्रसाद वापस आया चारपाई पर लेट गया और उधर उसके बहु की जवानी मार रही थी, उसकी मन शांत नहीं हुई। फिर वो अपने रूम से निकलकर अपने ससुर जी के चारपाई के पास गई और उनके चारपाई पर लेट गयी। जगप्रसाद सोचने लगा, मेरी पत्नी होगी क्योंकि रात का अंधेरा था। वह कहने लगा क्या बात है, तुम फिर आ गयी तभी उसकी बहु कहने लगी ससुर जी मैं आपकी बहु तभी जगप्रसाद उठकर बिस्तर पर बैठ गया और कहने लगा तुम यहाँ क्या करने आई हो?
तो उसकी बहु कहने लगी जहाँ से भी आप होकर आए हैं, जिसे आप संबंध बनाकर आए हैं, मैं ही थी आपकी पत्नी नहीं थी जगप्रसाद सोचने लगा अब क्या करूँ? तभी उसकी बहू से नागिन की तरह लिपट गयी और कहने लगी मुझे प्यार करो। तभी जब प्रसाद सोचने लगा चलो बहु के इच्छा को पूरा ही कर देता हूँ। उसी समय दोनों एक दूसरे से लिपटकर संबंध स्थापित करने लगे। जब संबंध स्थापित करने लगे, उधर जो उसकी पत्नी थी, जब प्रसाद की पत्नी थी, वो अपने पति से मिलने के लिए जैसे ही जग प्रसाद के चारपाई के पास आयी वहाँ पर अंधेरा था। वह चारपाई पर लेटने लगी तो वहाँ पे दो लोग पहले से ही लेटे थे और दोनों संबंध स्थापित कर रहे थे। वह चारपाई पर लेटने लगी तो उस पर जगह ही नहीं था। वो सोचने लगी की वो अकेले हैं तो इस पर जगह क्यों नहीं है? तो अपने हाथों से देखने लगी तो वहाँ पर दो लोग लेटे हुए थे। वह ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी। तभी जग प्रसाद और उसकी बहु उसको पकड़ लिए और शोर मचाने से रोकने लगे। मगर वह चिल्लाते रही पड़ोसी लोग भी आ गए और पड़ोसी लोग पूछने लगे, क्या बात है जो इतना हल्ला हो रहा है?
अभी जब प्रसाद की पत्नी कहने लगी, मेरा पति अपने बहू के साथ संबंध बना रहा था और मैंने देख लिया है सभी लोग हंसते हुए अपने घर चले गए और इसके घर में झगड़ा होता रहा। जब सुबह हुआ तो उसकी पत्नी अपने बहू से कहने लगी तुम हमारे घर से चली जाओ और मायके फ़ोन लगाकर सारी बातें बता दी और संध्या के पिता जी से बोली तुम अपने बेटी को लेकर चले जाओ। उसका पिता आया और संध्या को लेकर चला गया तो आजकल समाज में इस तरह के बहुत अपराध हो रहे हैं।
आपराधिक मानसिकता को समझें आपराधिक मानसिकता वाले व्यक्तियों से सदैव दूर रहें और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। आप सभी प्यारे दर्शक बंधुओं को प्यारभरा नमस्कार।
https://youtu.be/oNAxlx6jXL0
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