अब जो बाज़ार मे रखे हैं तो हैरत क्या है
जो भी देखेगा वो पूछेगा की क़ीमत क्या है
ये जो मन्दी का ज़माना है गुज़र जाने दे
फिर पता तुझको चलेगा मेरी क़ीमत क्या है।
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हम बताएँ तो बताने की ज़रूरत क्या है
किसको मालूम नहीं आपकी नियत क्या है
अपने बाज़ार का मेयार सँभालो पहले
बाद में पूछना मुझसे मेरी क़ीमत क्या है।
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हमने इबादत रखा है हमारे रिश्ते का नाम
मोहब्बत को तो लोगों ने बदनाम कर दिया।
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आँखो में लगा कर काजल
ज़ुल्फों में बसा कर बादल
ये मेरे सनम तुम कहाँ चले,
लहरा के हवा में आँचल।
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तूफ़ाँ से बच के डूबी है कश्ती कहाँ न पूछ
साहिल भी ऐतबार के क़ाबिल नहीं रहा।
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दरिया की नज़रें भी तब, देख मुझे जरा हैरान हुई
मेरी जर्जर कश्ती डुबोने, जब लहरें भी तूफान हुई
अपने लिए हंस कर मैंने, जब ले ली वक्त से बेचैनी
कुछ लोगों की तब जाकर, सांसें कुछ आसान हुईं।
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तेरे दीदार की तलब तेरी चौखट तक खींच लायी
वरना फरिश्तों ने बहुत बुलाया मैने जन्नत तक ठुकराई।
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अभी तक बस जलवा देखा है
उनका किरदार नहीं देखा
मोहब्बत करने वाले देखें है सैकड़ों
बस वफादार नहीं देखा।
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है इश्के मजाज़ी तेरा
तो मोहब्ब्त मेरी भी हक़ीक़ी है
है नाज़ तुझे वजूद पर अपने
तो मुझे इबादत पर यकीन काफी है।
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प्यार दिल में जगा बैठे जो होगा देखा जायेगा
तुम्हें अपना बना बैठे जो होगा देखा जायेगा
हमें मालूम था दुनिया हमें बदनाम कर देगी।
लो अब पर्दा हटा बैठे जो होगा देखा जायेगा।
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ज़िन्दगी में किसी का साथ काफी है
हाथों में किसी का हाथ काफी है
दूर हो या पास फर्क नहीं पड़ता
प्यार का तो बस अहसास ही काफी है।
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