हर बार मुझे ज़ख़्म-ए-जुदाई ना दिया कर तू मेरा नहीं तो मुझको दिखाई ना दिया कर, सच झूठ तेरी आंखों से हो जाता है ज़ाहिर क़समें ना उठा इतनी सफ़ाई ना दिया कर। शानदार शायरी कलेक्शन / Shayari Collection / कवि सम्मेलन<b> Watch Full Shayari Video:</b> Subscribe For More Videos
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